आयकर कानून की कई धाराओं में इनकम टैक्स छूट का प्रावधान है। इनकम टैक्स की किस धारा के तहत मिलेगी कितनी कर छूट मिलेंगी। आईए जानतें हैं इन सब Tax Salab के बारें में विस्तार से..
80C|80CCC|80CCD(1)|80CCD(2)|80CCD(1B)|80TTA(1)|80TTB|80GG|80E|80D|80DD|80DDB|80U|80GGB|80GGC|80RRB जानिए इन सब के बारे में विस्तार से..
Income Tax 80C
आयकर 80C भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 के अन्तर्गत एक आयकर सहायक है जिसका उपयोग करके व्यक्ति अपनी ग्रॉस आय से कुछ निर्धारित निवेशों पर छूट प्राप्त कर सकता है। यह निवेशों की छूट सीमा सालाना 1,50,000 रुपये है जो व्यक्ति की ग्रॉस आयकर दायित्व को कम करने के लिए उपयोग की जा सकती है।
यहां कुछ मुख्य निवेश विकल्प हैं जिन पर आप आयकर 80C की छूट का उपयोग कर सकते हैं:
- प्रोविडेंट फंड (PPF): यह निजी कंपनी में निवेश करने के एक पेंशन योजना है जिसमें आप एक निश्चित प्रमाणित प्रतिष्ठित कंपनी में निवेश कर सकते हैं।
- आयकर बचत निवेश (ELSS): इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) एक निवेश विकल्प है जिसमें आप विभिन्न शेयरों में निवेश कर सकते हैं। यह निवेश नवीनतम 3 वर्षों के लिए लॉक-इन रहता है। जैसे- म्युचुअल फंड
- सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana): यह एक लड़की के लिए एक परमित निवेश योजना है जिसमें पिता या अधिकारी नामक व्यक्ति नामित होता है।
- यूलिप लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP): यूलिप जीवन बीमा योजना और निवेश का एक मिला-जुला रूप है. इसके लिए चुकाए जाने वाले प्रीमियम में एक हिस्सा जीवन बीमा कवर के लिए, जबकि बचा हुआ हिस्सा रिटर्न के लिए किसी फंड में निवेश कर दिया जाता है
- टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term plan): टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान के लिए चुकाए गए प्रीमियम की रकम पर आप इनकम टैक्स (Income Tax) कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं.
- जीवन बीमा पॉलिसी (Lic): आप जीवन बीमा पॉलिसी में निवेश करके भी आयकर 80C की छूट प्राप्त कर सकते हैं।
- पोस्ट ऑफिस रिकर्ड निधि (Popf): यह एक निवेश विकल्प है जहां आप निवेश करके एक नियमित निर्धारित ब्याज दर प्राप्त कर सकते हैं।
Income Tax 80CCC
आयकर धारा 80CCC भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 के अन्तर्गत एक आयकर सहायक है जिसका उपयोग करके व्यक्ति अपनी ग्रॉस आय से निर्धारित पेंशन निधि निवेशों पर छूट प्राप्त कर सकता है।
यह धारा व्यक्तियों को पेंशन योजनाओं में निवेश करने के लिए अवसर प्रदान करती है, जिनमें निर्धारित निवेश करके व्यक्ति अपने वृद्धावस्था के दौरान पेंशन प्राप्त कर सकता है।
धारा 80CCC के अंतर्गत निवेश करने के लिए कुछ मुख्य विकल्प शामिल हैं:
जीवन बीमा पेंशन योजना (Life Insurance Pension Plan): इसमें आप एक जीवन बीमा नीति के तहत निवेश करते हैं, जिसमें आपको वृद्धावस्था में पेंशन के रूप में निर्धारित धनराशि प्राप्त होती है।
नवीनतम जीवन पेंशन योजना (New Pension Scheme): इस योजना के तहत, आप सरकारी निवेश योजना में निवेश करते हैं, जिसमें आपको वृद्धावस्था में पेंशन प्राप्त होती है।
अन्य पेंशन योजनाएं: इसके अलावा, कई प्राइवेट पेंशन योजनाएं भी उपलब्ध हैं, जिनमें निवेश करके व्यक्ति वृद्धावस्था में पेंशन प्राप्त कर सकता है।
Income Tax 80CCD(1)
यह धारा आयकरदाताओं को नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System - NPS) या अन्य आयकर विभाग द्वारा निर्धारित पेंशन योजनाओं में निवेश करने के लिए अवसर प्रदान करती है।
इस धारा के तहत निवेश करने के लिए निम्नलिखित कुछ मुख्य विकल्प शामिल हो सकते हैं:
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS): NPS एक सरकारी पेंशन योजना है जिसमें आप निवेश कर सकते हैं। इसका लक्ष्य वृद्धावस्था के दौरान एक निर्धारित पेंशन प्रदान करना है।
अन्य पेंशन योजनाएं: इसके अलावा, कई प्राइवेट पेंशन योजनाएं भी उपलब्ध हो सकती हैं, जहां आप निवेश करके वृद्धावस्था में पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
धारा 80CCD(1) के तहत निवेश करने पर छूट की राशि व्यक्ति की ग्रॉस आय के एक निर्धारित प्रतिशत तक हो सकती है, जो आयकर नियमों द्वारा निर्धारित होता है।
Income Tax 80CCD(2)
आयकर धारा 80CCD(2) भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत एक आयकर सहायक है जिसका उपयोग करके व्यक्ति अपने नियोक्ता द्वारा नियुक्त होने पर उनके पेंशन योजना में निवेश करके छूट प्राप्त कर सकता है।
धारा 80CCD(2) के अंतर्गत नियुक्ति द्वारा नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए नियोक्ता द्वारा अदायगी की गई पेंशन योजना में निवेश की राशि पर छूट प्रदान की जाती है। इसमें नियोक्ता द्वारा दी गई राशि का एक निश्चित प्रतिशत कर्मचारी के वेतन से कटा जाता है और उसे पेंशन निधि में निवेश किया जाता है।
धारा 80CCD(2) के तहत नियोक्ताओं द्वारा किए जाने वाले पेंशन योजना निवेश पर छूट की राशि का अधिकतम सीमा कर्मचारी के वेतन के 10% तक हो सकता है। यह उपाय सरकारी तथा गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है जो नियुक्ति प्राप्त करने के बाद एक पेंशन योजना के तहत कार्य करते हैं।
Income Tax 80CCD(1B)
आयकर धारा 80CCD(1B) भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 के तहत एक आयकर सहायक है जिसका उपयोग करके व्यक्ति अपनी नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System - NPS) में निवेश करके छूट प्राप्त कर सकता है।
धारा 80CCD(1B) के तहत निवेश करने पर व्यक्ति को उनके ग्रॉस आय से अधिकतम ₹50,000 तक की छूट प्रदान की जाती है। यह छूट सीमा आयकरदाता के वित्तीय वर्ष में अपनी आय पर लागू होती है।
धारा 80CCD(1B) के तहत निवेश करने के लिए व्यक्ति को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करना होता है। NPS एक सरकारी पेंशन योजना है जिसमें आप निवेश कर सकते हैं। इसका लक्ष्य वृद्धावस्था के दौरान एक निर्धारित पेंशन प्रदान करना है।
Income Tax 80TTA(1)
आयकर धारा 80TTA(1) भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 के तहत एक आयकर सहायक है जिसका उपयोग करके व्यक्ति ब्याज कमाई पर छूट प्राप्त कर सकता है।
धारा 80TTA(1) के अनुसार, व्यक्ति को बैंक खाते में जमा की गई ब्याज कमाई पर ₹10,000 तक की छूट प्राप्त की जा सकती है। यह छूट सीमा आयकरदाता के वित्तीय वर्ष में अपनी आय पर लागू होती है।
यह छूट व्यक्तिगत बैंक खातों के लिए है और यह सीमा सभी आयकरदाताओं के लिए समान होती है। इसका उपयोग साधारणतया व्यक्ति के साधारण बचत खातों, जैसे करंट खाता और जमा खाता, में जमा की गई ब्याज कमाई पर छूट प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
यदि आपकी बैंक खाता कमाई इस सीमा से अधिक होती है, तो आपको अतिरिक्त ब्याज कमाई पर आयकर देना होगा।
Income Tax 80TTB
80TTB एक आयकर छूट है जो भारतीय आयकर अधिनियम 1961 के तहत प्रावधान की गई है। यह छूट वृद्धावस्था धारकों के लिए उपलब्ध होती है जो 60 वर्ष की आयु संपन्न हो गए हैं।
80TTB के अनुसार, वृद्धावस्था धारकों (यानी 60 वर्ष की उम्र के ऊपर के व्यक्ति) को बैंक, सहकारी समिति या कोई अन्य वित्तीय संस्था के द्वारा प्राप्त होने वाले ब्याज की आय पर आयकर में छूट प्राप्त होती है। यह ब्याज किसी भी स्रोत से हो सकता है, जैसे कि बैंक जमा, रिक्त पैमाने पर जमा, नियमित जमा योजना (FD), बीमा योजना इत्यादि।
यह आयकर छूट केवल वृद्धावस्था धारकों के लिए होती है। इस छूट की अधिकतम राशि रुपये 50,000 होती है।
Income Tax 80GG
आयकर 80GG भारतीय आयकर कानून की धारा है जो किराए पर निवास करने वाले व्यक्तियों के लिए निर्धारित की गई है। यह धारा उन व्यक्तियों को लाभ प्रदान करती है जो निवासी आवास के लिए किराया भुगतान करते हैं और उन्हें अपनी आय का एक हिस्सा छूट प्राप्त नहीं होती है।
इस धारा के तहत, निम्नलिखित मामलों में किराए पर निवास करने वाले व्यक्ति लाभ उठा सकते हैं:
- आपके पास कोई अपनी स्वामित्व वाली संपत्ति नहीं है और आप किराए पर रहते हैं।
- आपके पास अपनी स्वामित्व वाली संपत्ति है, लेकिन आप दूसरे स्थान पर किराए पर रहते हैं और आप वहां किराएदारी करते हैं, लेकिन आपको किराए से प्राप्त होने वाली आय का कोई भी हिस्सा नहीं होता है।
- धारा 80GG के तहत, आप अपनी किराए पर रहने की आय का 10% या (आय का 25%) या (किराएदारी की आय से उपलब्ध आय का 100% - किराया) तक छूट प्राप्त कर सकते हैं, जो ज्यादा होता है।
- यह छूट व्यक्ति की आयकर दायित्व को कम करने में मदद करती है और उन्हें किराए पर निवास करने का एक आरामदायक विकल्प प्रदान करती है।
Income Tax 80E
आयकर 80E भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 में दिए गए धारा 80E के तहत एक आयकर छूट का प्रावधान करता है। यह छूट उन व्यक्तियों को प्रदान की जाती है जो शैक्षिक ऋण के लिए आवेदन करते हैं और उसे चुक्ता करने के लिए ब्याज का भुगतान करते हैं।
धारा 80E के तहत, शैक्षिक ऋण के लिए किये गए ब्याज का पूरा या आंशिक अवधारण आयकर में मान्यता प्राप्त की जा सकती है। इससे शैक्षिक ऋण लेने वाले व्यक्ति को आयकर कटौती में लाभ मिलता है और इसे व्यक्तिगत आयकर रिटर्न में दाखिल किया जा सकता है।
इस छूट का लाभ विद्यार्थियों और उनके परिवारों को शैक्षिक ऋण चुकाने में मदद करने के लिए प्रदान किया जाता है। धारा 80E के तहत छूट की गणना करने के लिए कुछ निर्धारित शर्तें होती हैं, जैसे कि ऋण शैक्षिक प्रशिक्षण के लिए होना चाहिए और ऋण का उपयोग व्यक्तिगत उपयोग के लिए होना चाहिए।
धारा 80E के तहत छूट का लाभ शैक्षिक ऋण के लिए ब्याज भुगतान करने वाले व्यक्तियों को ही प्राप्त होता है और इसकी संख्या वर्षांतर में सीमित होती है। इसलिए, यदि आप शैक्षिक ऋण के ब्याज पर आयकर कटौती प्राप्त करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको आयकर अधिकारी से संपर्क करके सटीक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और आयकर नियमों का पालन करना चाहिए।
Income Tax 80D
आयकर धारा 80D भारतीय आयकर कानून की धारा है जो आयकर कानून के तहत मेडिक्लेम पॉलिसी पर की जाने वाली भुगतानों के लिए छूट प्रदान करती है।
धारा 80D के अनुसार, एक व्यक्ति जो अपनी स्वयं या अपने परिवार के लिए मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी का भुगतान करता है, वह अपनी आयकर राशि से उस प्रीमियम भुगतान का दायित्व पूरा करने के लिए छूट प्राप्त कर सकता है। यह छूट व्यक्ति के व्यक्तिगत आयकर दायित्व को कम करती है।
छूट की राशि की गणना व्यक्ति के आयकर सालाना राशि पर आधारित होती है। इस छूट का उपयोग करने के लिए, व्यक्ति को अपनी आयकर रिटर्न में धारा 80D का उल्लेख करना होगा और वे पॉलिसी प्रीमियम के बचत के प्रमाण को प्रमाणित करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत करना होगा।
यह छूट व्यक्ति को उनके व्यक्तिगत और पारिवारिक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर भुगतान करने के लिए दी जाती है, जिसमें माता-पिता, पति-पत्नी, बच्चे आदि शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, कुछ विशेष प्रकार के चिकित्सा खर्चों पर भी छूट प्रदान की जाती है, जैसे कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए चिकित्सा खर्च और अपूर्व रोगी खर्च।
Income Tax 80DD
आयकर धारा 80DD भारतीय आयकर कानून की एक धारा है जो कमजोर और विकलांग व्यक्तियों के लिए छूट प्रदान करती है जिन्हें उनके आपातकालीन मेडिकल खर्चों के लिए भुगतान करना पड़ता है।
धारा 80DD के तहत, एक व्यक्ति जो कमजोर या विकलांग है और उसे उसकी देखभाल और उपचार के लिए आपातकालीन खर्च करने की आवश्यकता होती है, वह अपनी आयकर राशि से उन खर्चों का दायित्व पूरा करने के लिए छूट प्राप्त कर सकता है।
छूट की राशि की गणना व्यक्ति के आयकर सालाना राशि पर आधारित होती है। इस छूट का उपयोग करने के लिए, व्यक्ति को अपनी आयकर रिटर्न में धारा 80DD का उल्लेख करना होगा और उनके पास आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत करना होगा जो उनके कमजोर या विकलांग स्थिति को सिद्ध करें।
यह छूट उन खर्चों के लिए प्रदान की जाती है जो सीमित संख्या में रूपों और प्रोसीजरों के अंतर्गत आते हैं, जैसे कि उपचार, दवाएं, चिकित्सा सुविधाएं, अपूर्व वस्त्र, विशेष यात्रा और उपचारी सामग्री आदि।
Income Tax 80DDB
आयकर धारा 80DDB भारतीय आयकर कानून की धारा है जो आयकर कानून के अंतर्गत निर्धारित रोगों के इलाज के लिए व्यक्तियों को विशेष छूट प्रदान करती है।
धारा 80DDB के अनुसार, एक व्यक्ति जो किसी निर्धारित रोग के इलाज के लिए नियमित रूप से व्यय करता है, वह अपनी आयकर राशि से उस व्यय की राशि का दायित्व पूरा करने के लिए छूट प्राप्त कर सकता है। यह छूट व्यक्ति के व्यक्तिगत आयकर दायित्व को कम करती है।
धारा 80DDB की छूट का उपयोग करने के लिए, व्यक्ति को अपनी आयकर रिटर्न में धारा 80DDB का उल्लेख करना होगा और उन्हें निर्धारित रोग के इलाज की पुष्टि करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करने होंगे।
Income Tax 80U
आयकर धारा 80U भारतीय आयकर कानून की धारा है जो आयकर कानून के अंतर्गत दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशेष छूट प्रदान करती है।
धारा 80U के अनुसार, एक व्यक्ति जो नियमित रूप से दिव्यांगता के कारण अपने इलाज और देखभाल के लिए व्यय करता है, वह अपनी आयकर राशि से उस व्यय की राशि का दायित्व पूरा करने के लिए छूट प्राप्त कर सकता है। यह छूट व्यक्ति के व्यक्तिगत आयकर दायित्व को कम करती है।
धारा 80U की छूट का उपयोग करने के लिए, व्यक्ति को अपनी आयकर रिटर्न में धारा 80U का उल्लेख करना होगा और उन्हें अपनी दिव्यांगता की पुष्टि करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करने होंगे।
छूट की राशि की गणना व्यक्ति के व्यक्तिगत आयकर सालाना राशि पर आधारित होती है और इसे निर्धारित शर्तों और सीमाओं के अनुसार ही दी जाती है।
Income Tax 80GGB
आयकर धारा 80GGB भारतीय आयकर कानून की धारा है जो निकाय चुनावों और राजनीतिक दलों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कंपनी और फार्म को छूट प्रदान करती है।
कोई भी भारतीय उद्यम या फर्म जो किसी चुनावी ट्रस्ट या भारत में पंजीकृत राजनीतिक दल को दान देता है, वह इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की धारा 80 GGB के तहत दान राशि के लिए कटौती का दावा करने के लिए पात्र है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए में प्रावधान है कि फंडिंग प्राप्त करने वाले राजनीतिक दल को पंजीकृत होना होगा। 2013 कंपनी अधिनियम की धारा 8 के अनुरूप बनाया गया एक गैर-लाभकारी संगठन एक चुनावी ट्रस्ट है। अन्य कंपनियाँ चुनावी ट्रस्ट में स्वतंत्र रूप से धन का योगदान कर सकती हैं, जो फिर उस धन को कानून के तहत मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को वितरित कर सकती है।
Income Tax 80GGC
आयकर धारा 80GGC भारतीय आयकर कानून की धारा है जो चुनाव चंदा और राजनीतिक दलों को दान करने वाले व्यक्तियों को छूट प्रदान करती है।
धारा 80GGC के अनुसार, जब कोई व्यक्ति या कंपनी चुनाव चंदा देती है या राजनीतिक दलों को दान करती है, तो उसे इस दान की राशि का दायित्व पूरा करने के लिए छूट प्राप्त कर सकती है। इस छूट का उपयोग करके, दान की राशि को आयकर में कम किया जा सकता है।
धारा 80GGC की छूट को अपनाने के लिए, दाता को अपनी आयकर रिटर्न में धारा 80GGC का उल्लेख करना होगा और उन्हें चुनाव चंदा या राजनीतिक दलों के प्रमाण पत्रों को संलग्न करने होंगे।
Income Tax 80RRB
आयकर अधिनियम की धारा 80आरआरबी उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी आय का स्रोत उनके कला कार्यों, आविष्कारों, पेटेंट आदि पर रॉयल्टी है। इस अधिनियम के माध्यम से आय पर कटौती का भी दावा किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर - इस लेख में दी गई जानकारी केवल सूचना और शिक्षा के लिए हैं। यह सिर्फ कुछ मुख्य इनकम टैक्स छूट की सूची है और अन्य निवेश विकल्प भी उपलब्ध हैं जिन पर आप आयकर छूट का लाभ उठा सकते हैं।
ये जानकारी इनकम टैक्स से लिया गया हैं, इसलिए आपको अपनी आय और आर्थिक लक्ष्यों के आधार पर वित्तीय सलाहकार से परामर्श ले किसी भी मामले में Ultimate Filmy जिम्मेदार नहीं है।
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