Swing trading क्या होता है?
What is Swing trading ?
वित्तीय बाजार बेहद विविधता भरा हैं, और उनसे मुनाफा बनाने के कई अलग-अलग तरीके हैं। विभिन्न प्रकार की व्यापारिक रणनीतियों के साथ विभिन्न व्यापारिक शैलियाँ भी मौजूद होती हैं। ट्रेडिंग शैली में मुख्य भिन्नताओं में से एक समय की लिमिट है जिसमें आप ट्रेडिंग करते हैं।
आसान शब्दों में कहें तो,
जब आप कोई शेयर खरीदता और दूसरे दिन या फिर थोड़े दिनों के बाद प्रॉफिट होने पर उसे बेच देता हो उसे ही स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें इंट्रडे ट्रेडिंग जैसा नहीं होता की आज शेयर ख़रीदा तो आज ही बेचना पड़ेगा ऐसा स्विंग ट्रेडिंग में नहीं होता। स्विंग ट्रेडिंग में आपको जब प्रॉफिट होगा तब या फिर 15 दिन या 1 महीने में आप इस शेयर को बेचेंगे तो यह स्विंग ट्रेडिंग कहलायेगा।
स्वींग ट्रेडिंग एक बहुत पोपुलर सबसे अधिक किया जाने वाला ट्रेडिंग सिस्टम है, जिसमें आपको मंथली बेस्ड ट्रेडिंग भी कह सकते है, अगर आप अपने इन्वेस्टिंग के लक्ष्य के अनुसार हर महीने 5 से 10 % लाभ की अपेक्षा रखते हुए ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्वींग ट्रेडिंग से आप बहुत पैसे बना सकते है, इसलिए स्वींग ट्रेडिंग को ट्रेडिंग का किंग भी कहा जाता है।
जब आप स्वींग ट्रेडिंग करते है, तो आप अपने प्रॉफिट टारगेट का इन्तेजार कर सकते है, और इस तरह आप इंट्रा डे की अपेक्षा अपने रिस्क को कई दिनों तक आगे ले जाते है, लेकिन मार्केट कि volatility को देखते हुए,आप रिस्क को कम भी करते है।
सही स्ट्रेटर्जी से स्विंग ट्रेडिंग से आप अच्छा प्रॉफिट बना सकते है।
आपको 5 साल या 10 साल तक अपने पोजिशन को बनाए रखने की कोई जरुरत नहीं। स्विंग ट्रेडिंग से आप कम टाइम में बड़ा पैसा बना सकते है अगर आप सही स्ट्रेटर्जी काम करते हैं तो, बस आपको आपकी थोड़ी सी सेविंग एक ऐसे शेयर में लगनी है जो काम समय में आपको अच्छे रिटर्न्स दे सके।
लेकिन इसके लिए आपको पहले स्विंग ट्रेडिंग सीखनी होगी। उसकी स्टेटर्जी सीखनी होगी। की कब शेयर को ख़रीदे और कब बेचे। ये अगर आप सिख गए तो स्विंग ट्रेडिंग में हर महीने आप अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते है।
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे।
- स्विंग ट्रेडिंग में आपको कम समय में प्रॉफिट मिल जाता है।
- कम प्रॉफिट का टारगेट होने के कारण टारगेट हिट करने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
- स्टॉक में एंट्री लेने के लिए उसके गिरने का इंतज़ार नहीं करना पड़ता।
- स्टॉक के फंडामेंटल स्ट्रांग होने के कारण नुकसान होने की संभवना कम होती है।
- यह एक लेस स्ट्रेस यानी कम तनाव वाली ट्रेडिंग है।
- अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो भी इसे Try कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान
- शार्ट टर्म में एग्जिट लेने के कारण आपको बड़ा प्रॉफिट नहीं मिल पता है।
- स्टॉक से जुडी रोजाना आने वाली हर छोटी बड़ी खबर से शेयर के प्राइस में उतार-चढ़ाव आता है।
- एक दिन से ज्यादा होल्ड करने के कारण शेयर में गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।
- डे ट्रेडिंग करने वालों को धैर्य के साथ स्टॉक में बने रहने में प्रॉब्लम आती है।
स्विंग ट्रेडिंग के कुछ प्रमुख बिंदु..
- ये एक तरह से एक छोटे टाइम पीरियड के रेंज में की जाने वाली ट्रेडिंग है।
- स्विंग ट्रेडर, मुख्य रूप से टेक्नीकल एनालिसिस का उपयोग करते हैं।
- आवश्यकता पड़ने पर फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग भी किया जाता है।
- स्विंग ट्रेडर का टारगेट प्राप्त करने के चान्सेस ज़्यादा होते हैं।
- स्विंग ट्रेडर को कम क्वान्टिटी के साथ या छोटा ट्रेड लेने की सलाह दी जाती है।
- स्विंग ट्रेडिंग को डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग या शार्ट टर्म ट्रेडिंग भी कहा जाता है।
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