क्या होता है लोअर सर्किट और अपर सर्किट ?
शेयर बाजार में ट्रेडिंग करतें समय अपने कई बार किसी शेयर के लोअर सर्किट और उपर सर्किट लगते जरूर सुना होगा आख़िर ये होता क्या हैं और किसी शेयर पर सर्किट लगता क्यों हैं आईए इस आर्टिकल में हम जानतें हैं..
क्या होता है लोअर सर्किट (Lower Cricuit)
कई बार किसी कंपनी के शेयर तेजी से गिरते जाते हैं ऐसे में उस शेयर में बहुत ज्यादा गिरावट ना आए, इसलिए सर्किट लगाया जाता है. ऐसी स्थिति में किसी कंपनी मेअचानक सब लोग शेयर बेचना शुरू कर दें तो एक निश्चित सीमा तक ही उस शेयर का मूल्य घटेगा और उसके बाद उसकी ट्रेडिंग बंद हो जाएगी यह जो मूल्य घटने की सीमा है, उसे ही लोअर सर्किट कहते हैं लोअर सर्किट के 3 चरण होते हैं यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की गिरावट पर लगाया जाता है।
क्या होता है अपर सर्किट (Upper Cricuit)
कभी-कभी किसी कंपनी में निवेशकों की रूचि बढ़ जाती है ऐसे में उस कंपनी के शेयर का दाम आसमान छूने लगता है ऐसे में अपर सर्किट लगाया जाता है निश्चित सीमा तक शेयर का दाम पहुंचते ही उसमें अपर सर्किट लग जाएगा और उसकी ट्रेडिंग बंद हो जाएगी अपर सर्किट के भी 3 चरण होते हैं यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी पर लगाया जाता है।
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